सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

पिया रंगीला


             ::पिया रंगीला::
क्या दर्द है , क्या आरज़ू मेरी .....
क्यों मैं तेरे इश्क में यूँ रहा गीला .....
पसीने मेरे छूट गए ,देखा जब मैंने पिया रंगीला..|
ताउम्र तुझे भुलाता रहा , अक्स तेरा याद आता रहा...
दर्पण मेरा टूट गया , यूँ साथ तेरा छूट गया...
फिर आड़े मेरे आ गया ...ये मिज़ाज़ तेरा दर्पीला ....
फिर ज़ख्म मेरे गहरा गए , देखा जब मैंने पिया रंगीला..|
समन तुझे भेज रहा हूँ , ये इश्क मेरा आदेश समझ..
आज मैं हैसियत का बादशाह हूँ , न मुझे दरवेश समझ ...
सोच - समझकर  कर तू फैसला मेरा , न इसे तू आवेश समझ..
पर अब भी याद है मुझे वो ज़हर का रंग नीला..
जी मेरा भी मचल गया , देखा जब मैंने पिया रंगीला..|
..........................................ललित शर्मा "बागी"